वास्तविक संस्थापक
भगवान महावीर जी ने अपने जीवन में तप और साधना से नए प्रतिमान स्थापति किए। उन्होंने जैन धर्म की खोज के साथ ही इसके प्रमुख सिद्धांतों को स्थापित किया। इन सिद्धांतों से व्यक्ति को आंतरिक शांति की प्राप्ति होती है। भगवान महावीर के वे पांच सिद्धांतों में अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह शामिल हैं।
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