हरित क्रांति

भारत में 1960 के दशक के आखिरी दौर में पंजाब से हरित क्रांति की शुरुआत हुई. इस दौरान, खेती के तरीकों में बड़ा बदलाव हुआ. पारंपरिक तरीकों से इतर, औद्योगिक व्यवस्था की ओर ध्यान दिया गया और ज़्यादा उपज वाली किस्म (एचवाईवी) के बीज, खेती के मशीनी उपकरण, सिंचाई तंत्र, खाद, और कीटनाशक के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया गया.


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