सूरजमुखी को ‘फूल’ क्यों नहीं मानते वैज्ञानिक, ये रहा उसका जवाब |
सूरजमुखी के बारे में सबसे ज्यादा चर्चा यही रही है कि यह हमेशा सूरज की दिशा के मुताबिक घूमता है. एक दिलचस्प बात यह भी है कि वैज्ञानिक इसे फूल नहीं मानते. जानिए, सूरजमुखी को सिंगल फूल क्यों नहीं माना जाता।
विज्ञान के नजरिये से देखें तो सूरजमुखी का फूल हमेशा से ही काफी दिलचस्प रहा है. सबसे ज्यादा चर्चा यही रही है कि यह फूल हमेशा सूरज की दिशा के मुताबिक घूमता है. यानी सूरज के मुताबिक इसकी दिशा बदलती रहती है, लेकिन एक दिलचस्प बात यह भी है कि वैज्ञानिक इसे फूल नहीं मानते. विज्ञान में जो फूल की परिभाषा तय की गई है, उन मानकों पर यह खरा नहीं उतरता. जानिए, सूरजमुखी को सिंगल फूल क्यों नहीं माना जाता…
वैज्ञानिकों का कहना है, सूरजमुखी एक फूल नहीं है, यह फूलों का गुच्छा है. इसलिए इसकी गिनती फूल में नहीं की जाती. इसके पीछे कई कारण गिनाए गए हैं. उनका कहना है, सूरजमुखी की एक पंखुड़ी और जिस भूरे हिस्से से वो जुड़ी होती है, उसे मिलाकर एक फूल माना जाता है. लेकिन इस फूल में दर्जनों पंखुड़ियां होती हैं और बीच वाले जिसे भूरे हिस्से से जुड़ी होती हैं वो सैकड़ों भागों में बंटा होता है. इसलिए सूरजमुखी को फूलों का गुच्छा कहा जाता है. इसकी और भी कई वजह गिनाई गई हैं. अब उन्हें भी समझ लेते हैं.
आमतौर पर एक फूल से एक बीज या एक फल तैयार होता है, लेकिन सूरजमुखी के मामले में ऐसा नहीं है. इसके बीच वाले हिस्से को डिस्क कहते हैं, जिसमें बीज विकसित होते हैं. सूरजमुखी के एक फूल में 1 से 2 हजार तक बीज विकसित होते हैं. इससे नए पौधे तैयार होते हैं. इसके अलावा इसे चिड़ियों और इंसानों को खिलाने के काम में भी लिया जाता है. इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.
आमतौर पर लोग मानते हैं कि सूरजमुखी का रंग पीला ही होता है, जबकि ऐसा नहीं है. दुनियाभर में इसकी 70 प्रजातियां हैं. जो अलग-अलग आकार की होती हैं. कुछ प्रजातियों की लम्बाई कम होती हैं तो कुछ की ज्यादा. ये अलग-अलग रंग के होते हैं. पीले रंग के अलावा लाल, नारंगी और बैंगनी रंग के भी सूरजमुखी होते हैं.
सूरजमुखी के फूल के नाम गिनीज रिकॉर्ड भी दर्ज है. दुनिया का सबसे लम्बा सूरजमुखी 30 फीट का रहा है. यह रिकॉर्ड जर्मनी में 2014 में बना था. जो चर्चा का विषय रहा था.